लखीमपुर ,एजेंसी। उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी हिंसा के मुख्य आरोपित आशीष मिश्रा को 128 दिनों बाद मंगलवार शाम को जेल से रिहा कर दिया गया। सुबह जैसे ही ये खबर आम हुई कि मंगलवार को केंद्रीय मंत्री के बेटे आशीष मिश्रा मोनू की रिहाई होने वाली है, सारे खबरिया चौनल और कानून व्यवस्था से जुड़ी एजेंसियां सक्रिय हो गई। जेल गेट से लेकर केंद्रीय मंत्री के आवास तक सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त कर लिए गए। रणनीति ऐसी कि आशीष कब जेल से घर पहुंच गया कोई जान ही नहीं पाया।
सूत्रों के मुताबिक जैसे ही खीरी की अदालत से आशीष मिश्रा मोनू की रिहाई का परवाना जिला कारागार पहुंचा, उसी वक्त ये खास रणनीति तैयार कर ली गई। शाम करीब साढ़े चार बजे जहां एक तरफ मीडिया अपने विजुअल तैयार करने में जुटी थी उसी वक्त आशीष के नजदीकी व्यक्ति की कार जिला कारागार के मुख्य गेट में दाखिल हो गई। उम्मीद जताई जाने लगी कि अब कुछ ही देर बार जिला जेल में 128 दिन गुजारने के बाद आशीष बाहर आएगा, लेकिन ऐसा नहीं हुआ।
दरअसल ऐन वक्त पर जिला प्रशासन ने आशीष को मुख्य गेट से न निकाल कर उसे कर्मचारियों के आवासों की तरफ से निकलने वाले रास्ते से निकाल दिया गया। मीडिया फिर भी चकड़ थी और उस तक ये खबर भी पलक झपकते पहुंच गई। आशीष की इनोवा कार को कैमरों ने घेर लिया लेकिन अफसोस उसके कोई सवाल आशीष के कानों तक नहीं पहुंचे। कोई तीन से चार मिनट के सफर के बाद ही आशीष शाहपुरा कोठी स्थित अपने आवास पर पहुंच गया। इधर कोई भी अप्रिय घटना से निबटने के लिए सदर चौराहे, शाहपुरा कोठी चौराहे, सौजन्या चौराहे समेत सभी प्रमुख रास्तों पर सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए।
बता दें कि आशीष मिश्रा की जमानत हाइ कोर्ट लखनऊ बेंच से मंजूर हो गई थी, लेकिन आदेश में कुछ धाराओं का उल्लेख न होने की वजह से आदेश दाखिल नहीं किया था। 11 फरवरी को हाई कोर्ट में संशोधन अर्जी दाखिल की गई, जिसे 14 फरवरी को हाई कोर्ट ने मंजूर कर लिया, जिसके बाद आशीष मिश्रा की रिहाई का रास्ता साफ हो गया। इस पर 14 फरवरी को ही आशीष मिश्रा के अधिवक्ता अवधेश कुमार सिंह ने जिला जज मुकेश मिश्रा की अदालत में जमानत आदेश की प्रति दाखिल की थी और जमानत धनराशि निर्धारित करने के लिए अर्जी भी दी थी।

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