लखनऊ, एजेंसी। उत्तर प्रदेश में आगामी विधानसभा चुनाव के लिए पहली बार बसपा प्रमुख मायावती भी रैली में उतरीं। आगरा में जनसभा को संबोधित करते हुए मायावती ने भाजपा, सपा और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। मायावती ने कहा कि लोगों को इन तीनों ही दलों को रिजेक्ट कर देना चाहिए। उन्होंने दलितों का मुद्दा उठाते हुए कहा कि सपा ने एक बार दलितों के आरक्षण वाला बिल ही फाड़ दिया था। मायावती ने कहा कि समाजवादी पार्टी का रवैया हमेशा ही दलितों के विरोध का रहा है। उन्होंने कहा कि सपा जब सत्ता में थी तो एक समुदाय विशेष पर ही मेहरबान थी, जबकि दलितों और अति-पिछड़ों के साथ सौतेला व्यवहार किया जाता था।
मामला दिसंबर 2012 का है। लोकसभा में तत्कालीन संसदीय कार्यमंत्री नारायण सामी प्रमोशन आरक्षण बिल पेश कर रहे थे। इसी समय सपा नेता यशवीर सिंह ने उनके हाथ से बिल की कपी ले ली। तभी छीना झपटी शुरू हो गई और बिल की कपी फट गई। शोर और हंगामे के चलते स्पीकर को लोकसभा की कार्यवाही स्थगित करनी पड़ गई थी। इस बिल को लेकर यूपीए सरकार को फजीहत झेलनी पड़ गई थी। यूपीए का समर्थन कर रही बसपा ने इस बिल का स्वागत करते हुए सरकार को पेश करने के लिए कहा था।
वहीं दूसरी समर्थक पार्टी सपा इसके खिलाफ उतर आई और जमकर हंगामा किया। यहां तक कि बिल पेश किए जाने के दौरान उसकी प्रति लेकर सांसद ने फाड़ दी। बता दें कि यूपीए सरकार के दौरान यह घटना हुई थी। जब यशवीर सिंह ने बिल की कपी छीन ली थी तभी सोनिया गांधी ने उन्हें रोकने का प्रयास किया। इतने में अन्य कई नेता भी उनकी ओर बढ़े और छीना झपटी शुरू हो गई। आज मायावती ने उसी घटना को याद दिलाते हुए सपा को आड़े हाथों लिया।