नई दिल्ली, एजेंसी। पुलवामा में तीन साल पहले हुए एक आत्मघाती आतंकी हमले 40 जवान शहीद हो गए थे। जहां एक तरफ जवानों की शहादत पर देश की आंखें नम थीं तो वहीं दूसरी तरफ भारतीय सेना हमले के पीटे का दोषियों को खत्म करने के लिए मैदान में उतर चुकी थी। सुरक्षा बलों ने हमले के 100 घंटे के भीतर एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व में पुलवामा हमले के पीटे के मड्यूल को खत्म कर दिया था। , जिन्होंने ।
2019 के पुलवामा हमले के समय श्रीनगर, जम्मू और कश्मीर में भारतीय सेना की 15 कोर की कमान संभालने वाले लेफ्टिनेंट जनरल केजेएस ढिल्लों (सेवानिवृत्त) ने पुलवामा हमले की तीसरी वर्षी पर ये जानकारी दी। उन्होंने यह भी कहा कि आतंकवादी मरने से इस हद तक डरे हुए थे कि जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षा बलों के अभियानों के बाद कोई भी आतंकी उसका नेतृत्व नहीं करना चाहता था।
ढिल्लों ने कहा, सुरक्षा बलों ने हमले के 100 घंटे के भीतर एक पाकिस्तानी नागरिक कामरान के नेतृत्व वाले पुलवामा हमले के पीटे के मड्यूल को खत्म कर दिया। जैश-ए-मोहम्मद के खिलाफ सुरक्षा बलों के अपरेशन के बाद, उनके आतंकवादी मरने से इस कदर डरे हुए थे कि कोई भी नेतृत्व की भूमिका नहीं लेना चाहता था। ढिल्लों ने कहा, हमने कई पाकिस्तानी कल को इंटरसेप्ट किया था जहां वे आतंकवादियों को नेतृत्व की भूमिका निभाने के लिए कह रहे थे, लेकिन वे दूसरी तरफ से मना कर दें रहे थे।
बता दें कि 14 फरवरी, 2019 को जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में एक आत्मघाती हमलावर द्वारा एक आतंकी हमला किया गया था, जिसमें सीआरपीएफ के 40 जवानों की मौत हो गई। जैश-ए-मोहम्मद के आदिल अहमद डार के रूप में पहचाने जाने वाले आत्मघाती हमलावर ने सीआरपीएफ के काफिले की बस में अपने वाहन की टक्कर मार दी।
ढिल्लों ने यह भी कहा कि पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एक साथ काम करते हैं, इसलिए कोई भी पाकिस्तानी सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना नियंत्रण रेखा पार कर सकता है। उन्होंने कहा, ष्पाकिस्तानी सेना, आईएसआई और आतंकवादी संगठन एकजुट होकर काम करते हैं। कोई भी पाक सेना की सक्रिय भागीदारी और मार्गदर्शन के बिना एलओसी पार नहीं कर सकता है। हमने गुलमर्ग सेक्टर में एलओसी पर पाक नागरिकों को पकड़ा, जिन्हें हमारी पोस्ट के सामने पाकिस्तान द्वारा एलओसी पर लाया गया था।ष्