हैदराबाद, एजेंसी। केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मंगलवार को संत रामानुजाचार्य को श्रद्घांजलि देने के लिए श्स्टैच्यू अफ इक्वलिटीश् के दर्शन के लिए पहुंचे। उन्होंने कहा कि इस प्रकार के महापुरुषों के स्मारक लोगों को सालों तक काम करने की चेतना और उत्साह देते हैं। यहां सभी प्रकार की पूजा व्यवस्थाओं और प्रणालियों को रखने और संरक्षित करने का कार्य भी किया गया है। श्री रामानुजाचार्य जी ने जातिगत भेदभाव को समाप्त करने का काम किया। उन्होंने वेदों का सार लिया और समाज में रखा, कई क्रूर रीति-रिवाजों को तोड़ दिया।
ज्ञात हो कि प्रधानमंत्री नरेन्घ्द्र मोदी ने शनिवार को यहां 11वीं सदी के संत और समाज सुधारक रामानुजाचार्य की 216 फुट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया था। इस मौके पर प्रधानमंत्री मोदी ने शमशाबाद स्थित श्यज्ञशालाश् में पूजा की। प्रधानमंत्री नरेन्घ्द्र मोदी ने अपने संबोधन में कहा कि संत रामानुजाचार्य की यह प्रतिमा भारत और विश्घ्व में समानता का प्रतीक है। यह श्स्टैच्यू आफ इक्वलिटीश् के रूप में हमें समानता का संदेश दे रही है। इसी संदेश को लेकर आज देश ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ के मंत्र के साथ अपने नए भविष्य की नींव रख रहा है।

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