कांवड़

रुड़की: भगवान शिव के भक्त कांवड़ के रूप में श्रद्धा के साथ हरिद्वार से गंगाजल लेकर पैदल अपने गंतव्य की ओर जाते हैं. इस दौरान कांवड़िए बड़ी संख्या में हरिद्वार आते हैं. इस कांवड़ यात्रा में दिल्ली, हरियाणा, यूपी और राजस्थान समेत अन्य कई राज्यों से भारी तादाद में कांवड़िए हरिद्वार में आते हैं और गंगाजल लेकर वापस अपने गांव लौट जाते हैं. इसी क्रम में एक शिवभक्त ऐसा भी देखने को मिला जो करीब 100 किलोमीटर की यात्रा घुटनों के बल करते हुए अपने गंतव्य की ओर पहुंच रहा है.

घुटनों के बल कांवड़ यात्रा: दरअसल शारदीय शिवरात्रि को भगवान भोलेनाथ की भक्ति के अनेकों रूप देखने को मिलते हैं. कोई पैदल यात्रा करके तो कोई कंधों पर माता पिता को बिठाकर कांवड़ यात्रा पूरी करता है. वहीं दूसरी ओर अटूट, अपार श्रद्धा और विश्वास के साथ शिवभक्त शारदीय शिवरात्रि पर महादेव को गंगाजल अर्पित करने के लिए हरिद्वार हर की पैड़ी से अपने शिवालयों की ओर रवाना हो रहे हैं. इस दौरान मंगलौर स्थित गंगनहर की पटरी पर एक अनोखा शिव भक्त देखने को मिला है. दरअसल यह कांवड़िया घुटनों के बल चलकर कंधों पर हरिद्वार से गंगाजल लेकर अपने शिवालय उत्तर प्रदेश के मुजफ्फरनगर जिले के खोखनी गांव के लिए रवाना हुआ है. यह शिवभक्त लगभग 100 किलोमीटर की यात्रा करके अपने गंतव्य पर पहुंचेगा.

मुजफ्फरनगर से आया अनोखा कांवड़िया: इस दौरान शिवभक्त ने कहा कि भगवान शिव ने उनकी सभी मनोकामना पूरी की हैं. उन्होंने बताया कि उनके द्वारा वचन दिया गया था कि वह घुटनों के बल चलकर यात्रा करेंगे और अपने गांव में कांवड़ चढ़ाएंगे. उन्होंने बताया कि घुटनों के बल यात्रा करते हुए उनके घुटनों में जख्म भी हो गए हैं, लेकिन उन्हें कोई परेशानी नहीं है. उन्होंने कहा कि वह भोले बाबा के नाम पर यात्रा कर रहे हैं और यात्रा को पूरी कर समय पर भोले बाबा को गंगाजल चढ़ा देंगे. उन्होंने बताया कि इस यात्रा में उनके चाचा उनके साथ हैं और उनका सहयोग कर रहे हैं.

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