काशीपुर। मानपुर, नई बस्ती के ग्रामीणों का डीएम और तहसीलदार के आश्वासन के बाद चुनाव बहिष्कार पर रुख नरम हुआ है। ग्रामीण बैठक कर चुनाव बहिष्कार वापस लेकर अन्य विकल्प पर विचार कर सकते हैं। फिलहाल स्पष्ट रुख बैठक के बाद ही पता चल पाएगा।
वर्ष 1994 में पौड़ी के ग्राम धारा, झिरना और कोठीरो के सैकड़ों परिवारों को कर्बेट रिजर्व ने जंगली जानवरों के आतंक के चलते वन बंदोबस्त के तहत विस्थापित कर मानपुर नई बस्ती में बसाया गया था। लेकिन, 27 साल भी उन्हें जमीन पर मालिकाना हक नहीं मिल पाया। जबकि वह हर चुनाव में मतदान करते चले आ रहे हैं। मालिकाना हक नहीं मिलने पर उन्हें सरकारी योजनाओं का लाभ नहीं मिल पा रहा है। यहां तक किसान पेंशन भी नहीं मिल रही है। कई बार अधिकारियों के साथ जनप्रतिनिधियों से भी गुहार लगाई जा चुकी है। समस्या का समाधान नही होने पर विस्थापति 284 परिवारों ने इस बार विधानसभा चुनाव का बहिष्कार कर घरों के आगे चुनाव बहिष्कार का शपथ पत्र और छतों पर काले झंडे लगाये हैं। चुनाव बहिष्कार के निर्णय के बाद राजनीतिक दलों ने अपने-अपने स्तर से समस्या का हल कराने का आश्वासन दिया। वहीं, तहसीलदार भी गांव पहुंची और समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया। ग्रामीण दिलीप सिंह रावत ने बताया इस संबंध में डीएम से भी फोन पर वार्ता हुई है। उन्होंने भी समस्या के निस्तारण का आश्वासन दिया है। कहा अधिकारियों के आश्वासन के बाद एक बार फिर बैठक बुलाई गई है। इसमें चुनाव बहिष्कार के निर्णय पर विचार किया जाएगा। साथ ही नोटा या अन्य विकल्प पर भी चर्चा की जाएगी। कहा बैठक के बाद ही निर्णय की जानकारी हो सकेगी।

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