हरिद्वार, 26 सितम्बर। पूरे विश्व में योग की अलख जगाने हेतु समृद्ध ग्राम, पदार्था में संचालित मुख्य योग शिक्षक शिविरों की श्रृंखला में पतंजलि महिला योग समिति के तत्वाधान में 5 दिवसीय शिविर का समापन हुआ।
शिविर में पूज्य स्वामी जी महाराज ने कहा कि जहाँ नारियों की पूजा होती है, वहाँ देवता निवास करते हैं। उन्होने बताया कि पतंजलि ने समाज में लिंगभेद समाप्त कर महिलाओं को भी सम्मान दिया है। उन्होंने महिला सशक्तिकरण को राष्ट्र निर्माण की भूमिका में अहम बताया।
पूज्य आचार्य ने शिविर में प्रश्नोत्तरी कार्यक्रम में महिला शिविरार्थियों को विभिन्न रोगों से बचाव के लिए घरेलु नुस्खों तथा औषधियों की जानकारी देते हुए कहा कि योग जीवन में वर्तमान रखने की प्रक्रिया है, अतः हमें योग से विमुख नहीं होना चाहिए।
महिला शिविर का संचालन महिला पतंजलि योग समिति की मुख्य केन्द्रीय प्रभारी पूज्या साध्वी आचार्या देवप्रिया जी ने किया। जिसमें जिला व प्रांत स्तर पर 100-100 घण्टे का सह-योग शिक्षक का प्रशिक्षण प्राप्त करने के उपरांत महाराष्ट्र, गुजरात, उत्तर प्रदेश, गोवा से लगभग 500 महिलाओं प्रशिक्षुओं ने शिविर में भाग लिया।
इस अवसर पर पूज्या दीदी जी ने कहा कि राष्ट्र निर्माण में महिलाओं की अहम भूमिका है। राष्ट्र को उन्नत बनाने के लिए महत्वपूर्ण क्षेत्रों में महिलाओं की भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। उन्होंने बताया कि समृद्ध ग्राम में शिविरार्थियों को योग के साथ-साथ विभिन्न विषयों के
विद्वानों के द्वारा एविडेंस बेस्ड आयुर्वेद, पंचकर्म, षट्कर्म, प्राकृतिक चिकित्सा, घरेलु उपचार, यज्ञ चिकित्सा, आहार चिकित्सा में भी निपुण किया गया है। यहाँ से प्रशिक्षण प्राप्त कर योग शिक्षक अपने-अपने जिले व प्रांत में जाकर निःशुल्क योग का प्रशिक्षण देंगे। जिससे पूरे राष्ट्र में स्वदेशी, आयुर्वेद एवं योग का प्रसार-प्रचार होगा।
उन्होंने बताया कि एक समृद्ध समाज की स्थापना में महिलाओं का भी विशेष योगदान रहता है। चाहे वह देश हो या एक परिवार।
शिविर समापन में योगऋषि स्वामी रामदेव जी महाराज, पूज्य आचार्य जी ने सभी महिला योग शिक्षकों को अपने आशीर्वचन देकर कृतार्थ किया।

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