हरिद्वार, 9 जून। भारतीय किसान यूनियन अंबावता के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि देश का अन्नदाता किसान बेहद मुश्किल हालात से गुजर रहा है। खेती की लागत बढ़ने और फसलों का लाभकारी मूल्य नहीं मिलने से किसान की आर्थिक स्थिति लगातार खराब होती जा रही है। किसान कर्ज के जाल में फंस रहे हैं। चौधरी ऋषिपाल अंबावता ने कहा कि 10 जून से अलकनंदा मैदान पर शुरू हो रहे भाकियू अंबावता के तीन दिवसीय राष्ट्रीय अधिवेशन एवं चिंतन शिविर में किसानों की समस्याओं पर व्यापक विचार विमर्श कर आंदोलन की रणनीति तैयार की जाएगी। उन्होंने कहा कि दिल्ली में ऐतिहासिक किसान आंदोलन के बाद केंद्र सरकार ने एमएसपी पर कानून बनाने का आश्वासन किसान संगठनों को दिया था। लेकिन आज तक एमएसपी पर कानून लागू नहीं किया गया। जिससे किसानों में रोष है। चिंतन शिविर में देश के तमाम राज्यों से आने वाले किसानों के साथ स्वामी नाथन आयोग रिपोर्ट के अनुसार एमएसपी पर कानूनी गारंटी, कर्ज माफी, किसानों को मुफ्त बिजली, मिलों पर बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान आदि तमाम मुद्दों पर चर्चा की जाएगी। चौधरी प्रवीण अंबावता ने बताया कि तीन दिवसीय चिंतन शिविर में उत्तर प्रदेश, उत्तराखंड, दिल्ली, हरियाणा, पंजाब, राजस्थान, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, गुजरात सहित तमाम राज्यों के किसान भाग लेंगे। चौधरी प्रवीण अंबावता ने कहा कि देश का किसान आर्थिक रूप से खुशहाल होगा तो देश आगे बढ़ेगा। लेकिन सरकारेें किसानों को राहत देने में विफल रही हैं। इस दौरान उत्तराखण्ड प्रदेश अध्यक्ष सुभाष चौधरी, प्रदेश उपाध्यक्ष जोगेंद्र चौधरी, प्रदेश सचिव अंशुल चौधरी, जिलाध्यक्ष साकिब अली, महेंद्र, नीतिश सहित कई किसान नेता मौजूद रहे।