-गढ़वाल सर्वोदय मंडल ने जताई खुशी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : उत्तराखंड प्रदेश सर्वोदय मंडल की पूर्व सचिव बसंती देवी का पद्मश्री पुरस्कार के लिए चयन किया गया है। उनकी इस उपलब्धि पर गढ़वाल सर्वोदय मंडल ने हर्ष व्यक्त किया है।
शुक्रवार को हल्दूखाता में हुई गोष्ठी में सर्वोदय सेविका शशिप्रभा रावत ने कहा कि बसंती देवी का बाल विवाह 10 वर्ष की उम्र में तत्कालीन परंपराओं के अनुसार हुआ, लेकिन वह 12 वर्ष की उम्र में ही विधवा हो गईं। उसके बाद उनके जीवन ने मोड़ लिया और कस्तूरबा महिला उत्थान मंडल, लक्ष्मी आश्रम कौसानी जिला अल्मोड़ा में रहकर गांधी विचारों का प्रवाह करने लगीं। उत्तराखंड प्रदेश सर्वोदय मंडल के सचिव सर्वोदयी सुरेन्द्र लाल आर्य ने कहा कि बसंती देवी कई पदों पर कार्य कर चुकी हैं। उन्होंने पर्यावरण के क्षेत्र में वनों को कटान से बचाया व कोसी वन क्षेत्र में वृहद पौध रोपण किया। परिणाम स्वरूप कोसी नदी में पुन: पानी लौट आया। पर्यावरण के प्रति जागरूक करने के लिए उन्होंने कोसी से रामनगर तक 15 दिनों तक 50 महिलाओं के साथ पदयात्रा की। उन्होंने महिला सशक्तीकरण का संकल्प लेकर देश-विदेश की यात्रा कर महिलाओं की स्थिति को समझा व उसका निदान सुझाया। बसंती देवी को पर्यावरण व नारी सशक्तीकरण के क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए नारी शक्ति पुरस्कार-2016, देवी पुरस्कार-2016, फेमिना वूमन जूरी अवार्ड-2017 सहित कई अवार्ड से सम्मानित किया गया है। कार्यक्रम में उत्तराखंड में भूदान आंदोलन के प्रणेता आचार्य विनोबा भावे के सहयोगी स्वामी योगानंद महाराज पूर्व नाम सोहनलाल भूभिक्षु मूल निवासी थलीसैंण की तीसरी पुण्यतिथि पर उनको भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस मौके पर मयंक प्रकाश कोठारी, शूरबीर खेतवाल, विनय रावत, मंजू रावत, नेत्र सिंह रावत, कैप्टन पीएल खंतवाल आदि मौजूद रहे।
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