हरिद्वार, 27– नवम्बर। भूपतवाला स्थित श्री कृष्ण हरिधाम ट्रस्ट में आयोजित गुरूजन स्मृति समारोह में संत समाज ने ब्रह्मलीन स्वामी कृष्णानंद महाराज, ब्रह्मलीन स्वामी हरिदास महाराज, ब्रह्मललीन स्वामी मुकुंदानंद महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज को भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित किए। ब्रह्मलीन संतों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए पूर्व पालिका अध्यक्ष सतपाल ब्रह्मचारी ने कहा कि सनातन धर्म में गुरुओं को गोविंद से भी ऊपर का दर्जा दिया गया है। गुरु के स्मरण मात्र से ही सभी कष्टों का निवारण हो जाता है। उन्होंने कहा कि राममंदिर निर्माण आंदोलन में ब्रह्मलीन स्वामी हंसदेवाचार्य महाराज की भूमिका सनातन धर्म के इतिहास में स्वर्णाक्षरों में दर्ज की जाएगी। आश्रम के परमाध्यक्ष महंत प्रेमानंद शास्त्री महाराज ने कार्यक्रम में उपस्थित संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि पूज्य गुरूओं के दिखाए मार्ग व उनकी शिक्षाओं का अनुसरण करते हुए सनातन धर्म के प्रचार प्रसार के साथ आश्रम के सेवा प्रकल्पों के माध्यम से आमजन की सेवा में योगदान किया जा रहा है। महंत अरूण दास महाराज एवं महंत लोकेश दास महाराज ने कहा कि गुरू के प्रति श्रद्धा और भाव से ही मानव जीवन सफल होता है। गुरू ही शिल्पी की भांति शिष्य को तराशकर उसके जीवन को भवसागर से पार लगाता है। कार्यक्रम का संचालन करते हुए महंत शुभम गिरी महाराज ने कहा कि गुरू के दिखाए मार्ग पर चलते हुए धर्म व समाज की सेवा की सेवा करना शिष्य का कर्तव्य है। सभी को सद्गुरू के सानिध्य में मानव कल्याण में योगदान करना चाहिए। इस अवसर महंत रघुवीर दास, महंत विष्णुदास, महंत सूरज दास, स्वामी शिवानंद, महंत प्रेमदास, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, सतपाल ब्रह्मचारी, स्वामी ऋषि रामकृष्ण, महंत शिवशंकर गिरी, महंत राजेंद्रानंद, महंत जसविन्दर सिंह शास्त्री, कपिल जोनसारी, डा.ब्रजेश सती, उमेश सती, पंडित हरिओम भट्ट, जनकचंद के अलावा सभी ट्रस्टी व श्रद्धालु उपस्थित रहे।

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