हरिद्वार, 27 सितम्बर। मां देवी भगवती सर्व भूतों का आधार है। जो प्रकृति की शक्ति अपने स्पंदन से क्रियात्मक होकर करुणा दया मैत्री सौंदर्य विद्याज्ञान समाधि कुंडलिनी इन सब रूपों में प्रकट होती है और यही देवी भगवती का स्वरूप है। जो व्यक्ति को बल बुद्धि और सुख समृद्धि प्रदान कर सकती हैं। नवरात्रि पर्व अपने भीतर की सात्विक शक्ति को जागृत करने का महापर्व ह।ै जो व्यक्ति के जीवन को भवसागर से पार लगाता है। उक्त उद्गार नील पर्वत स्थित सिद्ध स्थल मां चंडी देवी मंदिर परमार्थ ट्रस्ट के अध्यक्ष महंत रोहित गिरी महाराज ने दूसरे नवरात्र पर मंदिर प्रांगण में श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए व्यक्त किए। उन्होंने कहा कि कला विद्या शक्ति यह देवी के ही रूप हैं। इस संसार में ऐसा कोई नहीं है। जिसको इन सुंदर भावनाओं से परहेज हो। हमें असल में इन सुंदर भावनाओं को अपने मन में जागृत करना है और अपने जन्म जन्मांतर के अज्ञान को नवरात्र पर्व पर समाप्त करना है। हमारे अंदर सेवा की भावना उत्पन्न हो इसके लिए मां दुर्गा की आराधना करें। मां चंडी देवी मंदिर में आने वाले श्रद्धालु भक्तों की सभी को मनोकामनाएं मां चंडी देवी पूर्ण करती है। जो श्रद्धालु भक्त संपूर्ण नवरात्र मां की आराधना कर लेता है। उसका जीवन सदैव उन्नति की ओर अग्रसर रहता है। महंत रोहित गिरी महाराज ने कहा कि शक्ति को सभी पंच भूतों का आधार माना गया है। ब्रह्मांड की सभी गतिविधियां इसी शक्ति से संचालित होती है। हमें लोभ मोह माया घृणा से मुक्त होना चाहिए और दया प्रेम जैसे सात्विक भाव को मन में रखना चाहिए। नवरात्रि ऐसी ही सात्विक शक्ति को जगाने का पर्व है।