हरिद्वार, 18 मार्च। जूना अखाड़े के महामंडलेश्वर एवं कथा व्यास डा.स्वामी उमाकांतानंद सरस्वती महाराज ने कहा कि संत समाज का उद्देश्य सनातन धर्म को सर्वोच्च शिखर पर ले जाना है। भारतीय संस्कृति और सनातन सभ्यता अनादि काल से विश्व का मार्गदर्शन करती चली आ रही है और भारत एक ऐसा मात्र देश है। जहां सभी धर्म संप्रदाय के करोड़ों लोग आपसी समन्वय से रहते हैं। भारत की संस्कृति विदेशियों को भी प्रभावित कर रही है।
भारतमाता पुरम भूपतवाला में शाश्वत आश्रम के शिलान्यास के उपलक्ष्य में शाश्वत परिवार एवं श्री राम डिवाईन इंटरनेशनल चैरिटेबल ट्रस्ट के तत्वावधान में आयोजित आयोजित श्रीराम कथा के समापन पर डा.स्वामी उमाकांतांनद सरस्वती महाराज ने कहा कि प्रभु श्रीराम की कथा सीख देती है कि विपरीत परिस्थितियों में भी विवेक के साथ धर्म के मार्ग पर अग्रसर रहते हुए हर परिस्थिति का सामना करना चाहिए। प्रभु श्रीराम की शरण में जो व्यक्ति पहुंचता है भगवान उसका बेड़ा भवसागर से स्वयं ही पार लगाते हैं। श्रद्धा और समर्पण भाव से प्रभु भक्ति में लीन रहकर अपने जीवन को कृतार्थ करना ही मानव जीवन का मूल उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन चरित्र युगो युगो तक समाज का मार्गदर्शन कर भावी पीढ़ी को संस्कारवान बनाता रहेगा। सभी को प्रभु श्रीराम की तरह सत्य के मार्ग पर अग्रसर रहकर राष्ट्र निर्माण में अपनी सहभागिता को सुनिश्चित करना चाहिए, तभी भारत विश्व गुरु बन कर उभरेगा। इस मौके पर सभी संत महापुरुषों का पंडित अधीर कौशिक ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान कार्यक्रम संयोजक डा.जितेन्द्र राष्ट्रीय संयोजक शाश्वतम् फाउंडेशन, महंत केशवानंद महाराज, मुख्य अतिथि समीर उरांव राज्य सभा सांसद एवं राष्ट्रीय अध्यक्ष अनुसूचित जनजाति मोर्चा भाजपा, राकेश भास्कर झारखंड वरिष्ठ भाजपा नेता, अभय प्रताप सिंह जिला पंचायत अध्यक्ष फतेहपुर, निवेदिता सिंह पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष फतेहपुर, सुरेश रामवर्ण मारीशस, राकेश मारीशस, नितिन गौतम अध्यक्ष गंगा सभा, तन्मय वशिष्ठ महामंत्री गंगा सभा, पं.अधी

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