हरिद्वार, 16 नवम्बर। ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर महंत स्वामी हंसप्रकाश महाराज के दसवें निर्वाण महोत्सव के अवसर पर श्रवणनाथ नगर स्थित देव मंदिर खन्ना आश्रम में आयोजित श्रद्धांजलि सभा में सभी तेरह अखाड़ों के संत महंतों ने उन्हें भावपूर्ण श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए धर्म संस्कृति के उत्थान में उनके योगदान का स्मरण किया। इस दौरान संत समाज की और से ब्रह्मलीन सरयूदास महाराज, श्रीमहंत बाबा ब्रह्मदास, श्रीमहंत स्वामी देवादास महाराज, श्रीमहंत पुजारी स्वामी रामचरणदास महाराज श्रीमहंत स्वामी अनन्त प्रकाश महाराज श्रीमहंत स्वामी कृष्णदास महाराज को श्रद्धांललि दी गयी। श्रद्धासुमन अर्पित करते हुए महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश महाराज ने कहा कि सनातन धर्म संस्कृति के संवर्द्धन सरंक्षण तथा प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन महंत स्वामी हंसप्रकाश महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। युवा संतों को उनके जीवन तथा कृतित्व से प्रेरणा लेनी चाहिए। महामंडलेश्वर स्वामी हरिचेतनानंद महाराज ने कहा कि संत समाज के प्रेरणास्रोत ब्रह्मलीन महंत स्वामी हंसप्रकाश महाराज एक महान उदारवादी संत थे। देव मंदिर खन्ना आश्रम के महंत स्वामी श्यामप्रकाश महाराज ने कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरूषों का स्वागत करते हुए कहा कि त्याग व तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महंत स्वामी हंसप्रकाश महाराज के अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनका जीवन का उद्देश्य है। महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप महाराज एवं महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि धर्म संस्कृति के प्रकाण्ड विद्वान ब्रह्मलीन महंत स्वामी हंसप्रकाश महाराज संत समाज के आदर्श थे। उनके दिखाए मार्ग पर चलते हुए सनातन धर्म संस्कृति के उत्थान में योगदान का संकल्प ही उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। इस अवसर पर महंत जगदीश दास, महंत सूरज दास, स्वामी हरिचेतनानंद, बाबा बलराम दास हठयोगी, महंत जसविंदर सिंह, स्वामी भगवत स्वरूप, महंत रूपेंद्र प्रकाश, महंत अमनदीप सिंह, स्वामी ऋषिश्वरानन्द, महंत निर्मलदास, महंत गोविंददास, महंत विनोद महाराज, साध्वी माता चंद्रकांता, महंत रघुवीर दास, महंत विष्णुदास, स्वामी रविदेव शास्त्री, महंत प्रेमदास सहित बड़ी संख्या संत महंत व श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।

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