नई दिल्ली, एजेंसी। कोरोना संक्रमण के चलते चुनाव प्रचार पर लगे प्रतिबंधों को चुनाव आयोग अब पूरी तरह से हटा सकता है। जिसमें राजनीतिक दलों को पहले की तरह रैलियों, सभाओं और रोड़ शो की अनुमति दी जा सकती है। अभी रैलियों और रोड़ शो पर प्रतिबंध है, जबकि सभाओं को मैदान की कुल क्षमता के पचास प्रतिशत यानी आधी क्षमता के साथ आयोजित करने की टूट है। इसके साथ ही पद यात्रा और घर- घर जाकर प्रचार करने के लिए लोगों की तय सीमा को भी खत्म किया जा सकता है। अभी घर-घर जानकर प्रचार के लिए सिर्फ बीस लोगों की ही अनुमति है।
चुनाव आयोग ने फिलहाल इस दिशा में तैयारी शुरु कर दी है। सभी चुनावी राज्यों से कोरोना संक्रमण की ताजा स्थिति की जानकारी मांगी है। इस दौरान जो स्थिति देखने को मिल रही है, उससे साफ है कि चुनाव प्रचार पर लगे सभी प्रतिबंधों को जल्द ही हटाया जा सकता है। वैसे भी कोरोना संक्रमण की स्थिति में तेजी से सुधार होते देख राज्यों ने तेजी से कोरोना से बचाव को लेकर लगाए गए प्रतिबंधों को हटाना शुरु कर दिया है। कई राज्यों ने इसे हटाने का ऐलान भी कर दिया है। ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से भी कोरोना के चलते लगाए गए सभी प्रतिबंधों को हटाने की मांग उठने लगी है।
खास बात यह है कि चुनावी राज्यों में कोरोना संक्रमण की स्थिति पहले से ही दूसरों राज्यों के मुकाबले काफी बेहतर है। एक रिपोर्ट के मुताबिक देश में उत्तर प्रदेश में इस समय हर दिन संक्रमितों की संख्या करीब आठ सौ है। वहीं, ठीक होने वालों की संख्या इससे दोगुनी है। चुनाव आयोग से जुड़े अधिकारियों के मुताबिक पूरी स्थिति की समीक्षा की जा रही है।
वैसे भी अब उत्तर प्रदेश और मणिपुर में चुनाव बचा है। जिसमें उत्तर प्रदेश में अभी चार चरणों का व मणिपुर में दो चरणों के चुनाव होने बाकी है। वहीं पंजाब, उत्तराखंड, गोवा और उत्तर प्रदेश में तीन चरणों का चुनाव प्रचार खत्म हो चुका है। ऐसे में कोरोना संक्रमण की स्थिति में सुधार और राजनीतिक दलों की मांगों को देखते हुए चुनाव आयोग जल्द ही चुनाव प्रचार से जुड़ी टूट की घोषणा कर सकता है।
गौरतलब है कि पांच राज्यों के चुनावों की घोषणा के दौरान चुनाव आयोग ने रैली, जनसभाओं, रोड शो और बैठकों आदि को भी पूरी तरह से प्रतिबंध रखा था। बाद में कोरोना के संक्रमण में जैसे जैसे सुधार हुआ, आयोग ने काफी ढील दे दी है।