हरिद्वार: मुख्य विकास अधिकारी श्री प्रतीक जैन ने डेंगू के सम्बन्ध में शासन द्वारा जारी निर्देशों के सन्दर्भ में समस्त स्थानीय निकायों को निर्देशित किया है कि डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु वे अपने-अपने क्षेत्रों में साफ-सफाई एवं फॉगिंग के साथ ही जन सहभागिता बढ़ाये जाने के लिए जनप्रतिनिधियों, वार्ड पार्षदों, ग्राम प्रधानों का भी सहयोग लेना सुनिश्चित करें।
श्री प्रतीक जैन ने शहरी क्षेत्रों के सम्बन्ध में बताया कि जिस भी मौहल्ले/कॉलोनी/ बस्ती में डेंगू के 05 से अधिक मामले पाये जाते हैं, तो वहाँ नगर आयुक्त/अधिशासी अधिकारी/नगर स्वास्थ्य अधिकारी एवं सम्बन्धित अपर मुख्य चिकित्सा अधिकारी/चिकित्सा अधिकारी द्वारा उस क्षेत्र का स्वयं भ्रमण किया जायेगा एवं उस क्षेत्र को डेंगू हॉटस्पाट क्षेत्र घोषित करते हुए, उस क्षेत्र में व्यापक लार्वानाशी स्प्रे एवं फॉगिंग सुनिश्चित किया जायेगा तथा उस क्षेत्र में लगातार जन-जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जायेगा। इसी तरह ग्रामीण क्षेत्रों में अगर डेंगू के 05 से अधिक मामले पाये जाते हैं, तो सम्बन्धित उप जिलाधिकारी एवं खण्ड विकास अधिकारी उस क्षेत्र का स्वयं भ्रमण करेंगे तथा उस क्षेत्र को भी डेंगू हॉटस्पाट क्षेत्र घोषित करते हुए क्षेत्र में व्यापक डेंगू रोधी छिड़काव के साथ ही जन-जागरूकता अभियान चलाया जाएगा एवं डेंगू के लार्वा पाए जाने की स्थिति में सम्बन्धितों के विरूद्ध चालानी कार्यवाही भी की जायेगी।
महिला एवं बाल विकास विभाग को डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण हेतु निर्देशित किया गया है कि वे जन-जागरूकता अभियान चलाने के साथ ही घरों में रखें टंकी, कूलर, गमले आदि से लार्वा नष्ट करने की कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। शिक्षा विभाग को निर्देश दिये गये हैं कि वे सरकारी एवं गैर-सरकारी विद्यालयों में अध्यनरत छात्र-छात्राओं को डेंगू रोग की रोकथाम एवं नियंत्रण की जानकारी देने के साथ ही विद्यालय परिसर में कहीं भी पानी जमा न हो, इसका विशेष ध्यान रखेंगे तथा छात्र-छात्राओं को पूरी बाजू की शर्ट, पतलून, लेगिंग, लंबी जुराबों वाली ड्रेस पहनकर ही स्कूल आने के निर्देश दें ताकि डेंगू रोग के मच्छरों के काटने से बचा जा सके।
मुख्य विकास अधिकारी ने स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को निर्देश दिये हैं कि वे चिकित्सालयों में डेंगू रोगियों के उपचार हेतु पृथक आईसोलेशन वार्ड तैयार कर मच्छरदानीयुक्त पर्याप्त बेड व औषधियों की उपलब्धता सुनिश्चित करें तथा डेगू आईसोलेशन वार्ड के लिए नोडल अधिकारी नामित किया जाये। डेंगू के गम्भीर रोगियों हेतु ब्लड़ बैकों में प्लेटलेट्स की उपलब्धता सुनिश्चित की जाये। समस्त राजकीय एवं निजी चिकित्सालयों में डेंगू संदिग्ध रोगी की एलाईजा जांच द्वारा पुष्टि की जाये। उन्होंने ये भी निर्देश दिये कि . समस्त राजकीय एवं निजी संस्थानों जैसे ऑफिस, बैक, व्यापारिक संस्थानों, शैक्षणिक संस्थानों, होटल, रिसॉर्ट, रेस्त्रां, चिकित्सालय, शॉपिंग कॉम्प्लेक्स आदि से सेल्फ डिक्लेरेशन सर्टिफिकेशन प्राप्त किया जाये कि उनके परिसर में कहीं भी पानी जमा नहीं है।