हरीद्वार-जिला ग्राम्य विकास अभिकरण हरिद्वार के तत्वावधान में बृहस्पतिवार को विकास भवन रोशनाबाद के सभागार में डे-एन0आर०एल०एम०(दीन दयाल अन्त्योदय योजना, राष्ट्रीय ग्रामीण आजीविका मिशन) पर बैंको की भूमिका के सम्बन्ध में एक दिवसीय बैंकर्स अभिमुखीकरण कार्यशाला का आयोजन किया गया।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये सहायक परियोजना निदेशक/जिला मिशन प्रबन्धक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण सुश्री नलिनीत घिल्डियाल ने स्वयं सहायता समूहों के खाता खोलने के सम्बन्ध में बैंक के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि स्वयं सहायता समूहों के सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों से आते हैं। इसलिये उनके खाते खोलने में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी, मनरेगा जॉब कार्ड आदि का संज्ञान लेना चाहिये, न कि पैन कार्ड आदि के बारे में जोर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब समूह के सदस्यों के खाते खुलेंगे, तो तभी वे इसके अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करते हुये अपने व्यवसाय में अभिवृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि टॉप टू बॉटम-सभी को सहयोग देंगे, तभी स्वयं सहायता समूह निरन्तर आगे बढ़ते रहेंगे।
लीड बैंक मैंनेजर श्री संजय सन्त ने बैंकों के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे स्वयं सहायता समूहों की खुले दिल से जहां पर भी हो, सहायता करें, तभी ये समूह अपने चुने हुये व्यवसाय को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी लेने के साथ ही अपने व्यवसाय में अभिवृद्धि कर सकते हैं।
कार्यशाला में पंचसूत्र-मीटिंग, सेविंग, इण्टरनल लेन-देन, जो ऋण दिया है, वह वापस लेना है तथा रिपेमेंट के साथ ही एसएचजी बैंक क्रेडिट लिंकेज, ऑन लाइन लोन एप्लीकेशन पोर्टल, डेएनआरएलएम बैंक लिंकेज पोर्टल, जन समर्थ पोर्टल, कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैकेनिज्म, डिजिटल फाइनेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि सर्वश्री/सुश्री राजेन्द्र झा, कैलाश कण्डारी, विशाल धामी, प्रशान्त सिंह, अमित,दलबीर, ईशा गुप्ता, विपिन कुमार शर्मा, चेतन, विनीत कुमार, मनोज पंन्त, तनुज दशानी, जितेन्द्र सिंह, रजनीश कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।
कार्यशाला को सम्बोधित करते हुये सहायक परियोजना निदेशक/जिला मिशन प्रबन्धक जिला ग्राम्य विकास अभिकरण सुश्री नलिनीत घिल्डियाल ने स्वयं सहायता समूहों के खाता खोलने के सम्बन्ध में बैंक के प्रतिनिधियों को विस्तार से जानकारी देते हुये बताया कि स्वयं सहायता समूहों के सदस्य आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के परिवारों से आते हैं। इसलिये उनके खाते खोलने में प्रधानमंत्री आवास योजना के लाभार्थी, मनरेगा जॉब कार्ड आदि का संज्ञान लेना चाहिये, न कि पैन कार्ड आदि के बारे में जोर देना चाहिये। उन्होंने कहा कि जब समूह के सदस्यों के खाते खुलेंगे, तो तभी वे इसके अन्तर्गत अधिक से अधिक लाभ प्राप्त करते हुये अपने व्यवसाय में अभिवृद्धि कर सकते हैं। उन्होंने बैंक प्रतिनिधियों से अनुरोध किया कि टॉप टू बॉटम-सभी को सहयोग देंगे, तभी स्वयं सहायता समूह निरन्तर आगे बढ़ते रहेंगे।
लीड बैंक मैंनेजर श्री संजय सन्त ने बैंकों के प्रतिनिधियों का आह्वान किया कि वे स्वयं सहायता समूहों की खुले दिल से जहां पर भी हो, सहायता करें, तभी ये समूह अपने चुने हुये व्यवसाय को आगे बढ़ाने में दिलचस्पी लेने के साथ ही अपने व्यवसाय में अभिवृद्धि कर सकते हैं।
कार्यशाला में पंचसूत्र-मीटिंग, सेविंग, इण्टरनल लेन-देन, जो ऋण दिया है, वह वापस लेना है तथा रिपेमेंट के साथ ही एसएचजी बैंक क्रेडिट लिंकेज, ऑन लाइन लोन एप्लीकेशन पोर्टल, डेएनआरएलएम बैंक लिंकेज पोर्टल, जन समर्थ पोर्टल, कम्युनिटी बेस्ड रिकवरी मैकेनिज्म, डिजिटल फाइनेंस, फाइनेंशियल लिटरेसी, आदि पर विस्तृत चर्चा हुई।
इस अवसर पर विभिन्न बैंकों के प्रतिनिधि सर्वश्री/सुश्री राजेन्द्र झा, कैलाश कण्डारी, विशाल धामी, प्रशान्त सिंह, अमित,दलबीर, ईशा गुप्ता, विपिन कुमार शर्मा, चेतन, विनीत कुमार, मनोज पंन्त, तनुज दशानी, जितेन्द्र सिंह, रजनीश कुमार सहित सम्बन्धित अधिकारीगण उपस्थित थे।