हरिद्वार, 7 अप्रैल। आह्वान पीठाधीश्वर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अरूण गिरी महाराज ने कहा कि आयुर्वेद को विश्व स्तर पर प्रतिष्ठा दिलाने में आचार्य बालकृष्ण का अहम योगदान है। पतंजलि योगपीठ द्वारा आचार्य बालकृष्ण के निर्देशन में आयुर्वेद के क्षेत्र में किए जा रहे अनुसंधानों से पूरी दुनिया में आयुर्वेद के प्रति जागरूकता बढ़ी है। पतंजलि योगपीठ के स्वामी आचार्य बालकृष्ण से भेंटवार्ता के दौरान स्वामी अरूण गिरी महाराज ने कहा कि आचार्य बालकृष्ण के प्रयासों से भारत की प्राचीन चिकित्सा पद्धति आयुर्वेद को गुणकारी चिकित्सा पद्धति के रूप में विश्व स्तर पर मान्यता मिली। आज दुनिया के करोड़ों लोग आयुर्वेद पद्धति से उपचार कराकर असाध्य रोगों से छुटकारा पा रहे हैं। इसके लिए आचार्य बालकृष्ण बधाई के पात्र हैं। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के कोषाध्यक्ष महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि योग और आयुर्वेद भारत की प्राचीन धरोहर है। योग गुरू स्वामी रामदेव व आयुर्वेद के विद्वान आचार्य बालकृष्ण ने भारत की इस धरोहर को पूरी दुनिया में पहुंचाया। पूरी दुनिया में योग और आयुर्वेद को महत्वपूर्ण चिकित्सा पद्धति के रूप में स्वीकार किया जा रहा है। आदियोग विद्यापीठ के परमाध्यक्ष स्वामी आदियोगी महाराज ने कहा कि योग, आयुर्वेद और अध्यात्म के बल पर पर भारत जल्द ही विश्वगुरू की पदवी पर आसीन होगा। उन्होंने कहा कि यह पूरी तरह सिद्ध हो चुका है कि भारत के ऋषि मुनियों द्वारा प्रतिपादित योग और आयुर्वेद अनेक रोगों का निदान संभव है। उन्होंने कहा कि स्वामी रामदेव व आचार्य बालकृष्ण द्वारा योग और आयुर्वेद के प्रति जागरूकता उत्पन्न किए जाने के बाद असाध्य रोगों से पीड़त लाखों लोगों को नया जीवन मिला। करोड़ों लोग योग और आयुर्वेद को अपनाकर निरोगी जीवन व्यतीत कर रहे हैं। इसके लिए स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण बधाई के पात्र हैं। भारत माता मंदिर के महंत एवं निरंजनी अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी ने नीलकंठ के समीप पतंजलि योगपीठ की शाखा खोले जाने पर स्वामी रामदेव और आचार्य बालकृष्ण को बधाई दी। इस अवसर पर महामंडलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, महंत ईश्वर दास, महंत गोपाल गिरी, महंत निर्भय सिंह, स्वामी विनय सारस्वत सहित कई संतजन मौजूद रहे।

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