हरिद्वार, 10 दिसम्बर। ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज की पुण्य तिथी पर कनखल स्थित श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के संतों ने उनका भावपूर्ण स्मरण करते हुए श्रद्धांजलि अर्पित की। इस अवसर अखाड़े में गुरू ग्रंथ साहिब का पाठ, शबद कीर्तन का आयोजन किया गया। इसके पश्चात भोग प्रसाद वितरित किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए श्री पंचायती अखाड़ा निर्मल के अध्यक्ष महंत ज्ञानदेव सिंह महाराज ने कहा कि निर्मल कुटिया नहरवाली मोगा पंजाब के ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज दिव्य महापुरूष थे। सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में उनका योगदान कभी भुलाया नहीं जा सकेगा। कोठारी महंत जसविन्दर सिंह महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज सहज सरल स्वभाव के संत थे। निर्मल जल के समान जीवन व्यतीत करते हुए उन्होंने सदैव समाज को ज्ञान एवं सद्मार्ग की प्रेरणा दी। ऐसे विलक्षण संत विरले ही होते हैं। सभी को उनकी शिक्षाओं और विचारों का अनुसरण करते हुए मानव कल्याण एवं देश सेवा में योगदान करना चाहिए। ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज के शिष्य महंत बलवेन्द्र सिंह गाय वाले ने कहा कि पूज्य गुरूदेव का धर्म शास्त्रों के प्रति ज्ञान विलक्षण था। गुरू से प्राप्त शिक्षाओं व संत परंपरांओं का पालन करते हुए उनके अधूरे कार्यो को पूरा करना ही उनके जीवन का उद्देश्य है। महंत अमनदीप सिंह महाराज एवं महंत अरूणदास महाराज ने कहा कि संत महापुरूषों के सानिध्य में ही भक्त के कल्याण का मार्ग प्रशस्त होता है। उन्होंने कहा कि ब्रह्मलीन महंत अमर सिंह महाराज महान संत थे। उनके शिष्य महंत बलवेन्द्र सिंह महाराज अपने गुरूदेव के कार्यो को जिस प्रकार आगे बढ़ा रहे हैं, वह प्रशंसनीय है। इस अवसर पर महंत खेम सिंह, संत गुरप्रीत सिंह, संत हरि सिंह, संत सुखमन सिंह, महंत निर्भय सिंह, महंत निर्मल सिंह शास्त्री, संत वीर सिंह, संत जसकरण सिंह, संत हरजोध सिंह, संत गुरजीत सिंह सहित कई संत मौजूद रहे।