हरिद्वार, 15 जून। काष्र्णि पीठाधीश्वर आचार्य स्वामी गुरुशरणानंद महाराज ने कहा है कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का चरित्र भारतीय संस्कृति के समष्टी रूप का पर्याय बन चुका है। सारी सृष्टि में रमे श्रीराम युग युग से सात्विक रसिक जनों की रस साधना व अध्यात्म प्रिय जनता की आस्था का केंद्र बने हुए हैं। श्रीराम का चरित्र इतना लोकप्रिय है कि भारत की विभिन्न प्रांतीय भाषाओं में ही नहीं बल्कि विश्व की अनेक भाषाओं में भगवान श्रीराम की जीवन गाथा को लेकर विशाल साहित्य रचा गया है। कनखल स्थित श्री हरेराम आश्रम में आयोजित श्रीराम कथा के अवसर पर श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए स्वामी गुरुशरणानंद महाराज ने कहा कि काल प्रवाह के साथ कवियों की व्यक्तिगत रूचि और युग युगीन सांस्कृतिक आदर्शों के अनुरूप रामकथा नूतन सांसों में ढलती रही है। निर्गुण एवं सगुण दोनों पंथ के प्रवर्तकों ने उनकी महिमा के गीत गाए और आज भी मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम का जीवन सभी के लिए प्रसांगिक है। इसलिए प्रभु श्रीराम नाम का जप करने मात्र से व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार हो जाता है। पूर्व मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने कहा कि श्रीराम कथा भारतीय पृष्ठभूमि के सांस्कृतिक आध्यात्मिक एवं अलौकिक आदर्श का प्रतिबिंब बन चुकी है। जिसका श्रवण सभी के लिए सर्वदा हितकारी है। युगांे युगांे के पुण्य उदय होने पर ही श्रीराम कथा के श्रवण का अवसर व्यक्ति को प्राप्त होता है और हम सभी बहुत सौभाग्यशाली हंै कि हरिद्वार की पवित्र भूमि पर संतों के सानिध्य में प्रभु श्रीराम की महिमा का रसपान कर रहे हैं। राज्यसभा सांसद नरेश बंसल ने कहा कि रामकथा भारत की आदि कथा है। जिसे भारतीय संस्कृति का रूपक कहा जाए तो कोई अतिशयोक्ति नहीं होगी। रामकथा के सभी पात्र भारतीय सांस्कृतिक मूल्यों को महिमा प्रदान करते हुए दिखाई देते हैं। विशेष रूप से नारी पात्र अपनी विशेषता लिए हुए हैं। जिनमें भारतीय मूल्यों के प्रति असीम आस्था है। त्याग की प्रतिमूर्ति हैं, आदर्श पवित्रता है और विवेकवान समर्पण शीलता है। व्यक्ति के जीवन को पवित्र करने वाली यह कथा संपूर्ण जगत का मार्गदर्शन करती है। राम कथा मर्मज्ञ कथा व्यास संत विजय कौशल महाराज ने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम के आचरण के प्रति दुनिया के 65 देशों में रामकथा की प्रतिष्ठा है। सर्वाधिक मुस्लिम जनसंख्या वाले देश इंडोनेशिया में श्रीराम नाम का वन्दन करने वाले लाखों अनुयाई हैं। राम कथा समाज में एक आदर्श की स्थापना करती है। प्रत्येक व्यक्ति को कथा में निहित मूल्यों को अपने आचरण में शामिल कर जीवन को भवसागर से पार लगाना चाहिए। हरेराम आश्रम के अध्यक्ष महामंडलेश्वर स्वामी कपिल मुनि महाराज ने कहा कि रामचरितमानस में एक आदर्श व्यक्ति और आदर्श समाज दोनों का वर्णन मिलता है। प्रभु श्रीराम की कथा व्यक्ति के जीवन में प्रेरणा का संचार करती है और ज्ञान का प्रकाश फैलाती है। अयोध्या में प्रभु श्रीराम का भव्य मंदिर स्थापित होने जा रहा है। जो संपूर्ण विश्व के लिए वंदनीय एवं दर्शनीय होगा। इतना विशाल मंदिर संसार में शायद ही कहीं स्थापित हो। इसलिए प्रभु श्रीराम की कथा के मूल आदर्शों का सर्वत्र प्रचार-प्रसार हो तथा सभी लोग उन आदर्शों को अपने आचरण में शामिल करें, यही कथा का मूल भाव है। कथा संयोजक डा.जितेंद्र सिंह व विमल कुमार, स्वामी कृष्ण मुनि, प्रो.प्रेमचंद्र शास्त्री, नीलाम्बर खर्कवाल, रमेश उपाध्याय, रामचंद्र पाण्डेय, हरीश कुमार, डा.अश्वनी चैहान, मयंक गुप्ता, नमामि यमुना अभियान के राष्ट्रीय अध्यक्ष कर्नल राजीव रावत ने फूलमाला पहनाकर सभी संतों का स्वागत किया। इस अवसर पर मुखिया महंत दुर्गादास, श्रीमहंत रघुमुनि, महामण्डलेश्वर स्वामी ललितानंद गिरी, कोठारी स्वामी परमेश्वर मुनि, महंत अद्वैत मुनि, स्वामी रामसागर, साध्वी प्रभा मुनि, स्वामी संतोषानंद, भाजपा नेत्री अनिता शर्मा, भाजपा नेता ओमकार जैन, महामंडलेश्वर स्वामी रूपेंद्र प्रकाश, महंत दामोदर दास, महंत गोविंद दास, महंत प्रेमदास, महंत दामोदर शरण दास, महंत श्रवण मुनि, महंत निर्मल दास, महंत जयेंद्र मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी भगवत स्वरूप, महंत केशव मुनि आदि मौजूद रहे।