हरिद्वार, 4 जून। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा है कि संत परंपरा सनातन संस्कृति की वाहक है और हरिद्वार के संतों ने विश्व पटल पर भारत का जो स्वरूप प्रस्तुत किया है वह अद्भुत एवं अकल्पनीय है। कनखल स्थित महर्षि ब्रह्म हरि उदासीन आश्रम में आयोजित संत सम्मेलन को संबोधित करते हुए श्रीमहंत मुनि महाराज ने कहा कि महापुरुषों ने सदैव ही समाज को नई दिशा प्रदान की है। महंत दामोदर शरण दास महाराज एक विद्वान एवं तपस्वी संत हैं। जो अपने तप और विद्वत्ता के माध्यम से संत समाज की सेवा करते हुए राष्ट्र निर्माण में अपना अनुकरणीय योगदान प्रदान कर रहे हैं। महामंडलेश्वर स्वामी शिवानंद महाराज एवं कोठारी महंत दामोदर दास महाराज ने कहा कि देश को उन्नति की ओर अग्रसर करने में संत महापुरुषों ने हमेशा ही अग्रणी भूमिका निभाई है और महापुरुषों का जीवन हमेशा ही युवा पीढ़ी के लिए प्रेरणादायक होता है। जिससे युवा संतो को उसका अनुसरण करते हुए राष्ट्र की एकता अखंडता बनाए रखने में अपना योगदान प्रदान करना चाहिए। ब्रह्महरि उदासीन आश्रम के अध्यक्ष महंत दामोदर शरण दास महाराज ने कहा कि संतों का जीवन निर्मल जल के समान होता है और देश को एकता के सूत्र में पिरोने में संत समाज का अहम योगदान है। भारतीय संस्कृति एवं सनातन धर्म का प्रचार प्रसार कर संत समाज राष्ट्र के कल्याण की कामना कर रहा है और नव निर्माण की और अग्रसर भारत देश सनातन धर्म के माध्यम से समस्त विश्व का मार्गदर्शन कर रहा है। जो संपूर्ण भारत के लिए गौरव की बात है। कार्यक्रम में पधारे सभी संत महापुरुषों का स्वरूप रानी सक्सेना परिवार ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान महामंडलेश्वर स्वामी हंसराम महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रकाश मुनि, महामंडलेश्वर स्वामी विवेकानंद, महंत श्रवण मुनि, महंत गोविंद दास, महामंडलेश्वर संतोषानंद देव, महंत प्रेमदास, महंत निरंजन दास, महंत दर्शन दास, महंत जयेंद्र मुनि, महंत निर्मल दास, महंत रघुवीर दास, महंत विष्णु दास, महंत प्रहलाद दास, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी हरिहरानंद, महंत मोहन सिंह, महंत तीरथ सिंह सहित कई संत महापुरुष उपस्थित रहे।

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