हरिद्वार, 3 मई। जस्साराम रोड़ स्थित श्री रामशंकर आश्रम का वार्षिकोत्सव संत महापुरूषों की उपस्थिति में धूमधाम से मनाया गया। इस दौरान सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज व स्वामी शंकरानंद महाराज एम.ए.सम्पादक के योगदान को स्मरण करते हुए संत समाज ने उन्हें नमन किया। श्री पंचायती अखाड़ा बड़ा उदासीन के श्रीमहंत रघुमुनि महाराज की अध्यक्षता में आयोजित संत समागम को संबोधित करते हुए महामण्लेश्वर स्वामी हरिचेतनानन्द महाराज ने कहा कि संत समाज ने समाज को नई दिशा देने के साथ सदैव समाज कल्याण में अहम भूमिका निभाई है। ब्रह्मलीन स्वामी म.म.रामस्वरूप महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शंकरानंद महाराज तो त्याग एवं तपस्या की साक्षात प्रतिमूर्ति थे। आश्रम के महंत म.म.स्वामी प्रकाश मुनि महाराज उनके द्वारा स्थापित आश्रम की सेवा परंपरा को निरंतर आगे बढ़ा रहे हैं। श्रीमहंत रघुमुनि महाराज ने कहा कि ब्रह्मलीन स्वामी रामस्वरूप महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शंकरानंद महाराज संत समाज के प्रेरणास्रोत थे। युवा संतों को उनके जीवन से प्रेरणा लेते राष्ट्र की सेवा में योगदान करना चाहिए। म.म.स्वामी प्रकाश मुनि महाराज ने कहा कि पूज्य गुरूदेव ब्रह्मलीन महामण्डलेश्वर स्वामी रामस्वरूप महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शंकरानंद महाराज दिव्य संत थे। विद्वान एवं तपस्वी संत के रूप में सनातन धर्म संस्कृति के प्रचार प्रसार में ब्रह्मलीन स्वामी रामस्वरूप महाराज एवं ब्रह्मलीन स्वामी शंकरानंद महाराज का योगदान सदैव स्मरणीय रहेगा। उनके द्वारा प्रदत्त शिक्षाओं व ज्ञान का अनुसरण करते हुए आश्रम के सेवा प्रकल्पों में निरंतर वृद्धि की जा रही है। महामण्डलेश्वर स्वामी प्रकाशमुनि के कृपा पात्र शिष्य स्वामी श्रवण मुनि महाराज ने कार्यक्रम में पधारे संत महापुरूषों का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि संत स्वरूप गुरू ही परमात्मा का दूसरा स्वरूप हैं। जो अपने गुरू के बताए मार्ग पर चलते हैं। उनका जीवन सदैव सुखमय व्यतीत होता है। कार्यक्रम में महंत निर्मलदास, महंत दामोदर दास, महंत जयेन्द्र मुनि, स्वामी रविदेव शास्त्री, स्वामी जगदीशानंद, स्वामी हरिहरानंद, स्वामी दिनेश दास, महंत सेवादास सहित बड़ी संख्या में संत व श्रद्धालुजन उपस्थित रहे।

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