हरिद्वार, 21 मई। अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं श्री पंचायती अखाड़ा महानिर्वाणी के सचिव श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा है कि श्रीमद्भागवत कथा भवसागर की वैतरणी है। जो व्यक्ति के मन से मृत्यु का भय मिटा कर उसके कल्याण का मार्ग प्रशस्त करती है। जो श्रद्धालु भक्त कथा का श्रवण कर लेता है। उसका कल्याण अवश्य ही निश्चित है। बैरागी कैंप स्थित श्री परशुराम ब्राह्मण धर्मशाला में आयोजित श्रीमद्भागवत कथा का अखाड़ा परिषद अध्यक्ष श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज, महंत रामदास महाराज, धर्मशाला के अध्यक्ष पवन शर्मा एवं कथा व्यास महंत अंकित दास महाराज ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलन कर शुभारंभ किया। श्रद्धालु भक्तों को संबोधित करते हुए श्रीमहंत रविंद्रपुरी महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा कल्पवृक्ष के समान है। जिससे सभी इच्छाओं की पूर्ति की जा सकती है। इसलिए सभी को समय निकालकर कथा का श्रवण अवश्य करना चाहिए। अखाड़ा परिषद के पूर्व अध्यक्ष श्रीमहंत ज्ञान दास महाराज के कृपा पात्र शिष्य महंत रामदास महाराज ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण से व्यक्ति के जन्म जन्मांतर के पापों का विनाश होता है और लौकिक व आध्यात्मिक विकास होता है। कथा श्रवण से सोया हुआ ज्ञान वैराग्य जागृत होता है। व्यक्ति में उत्तम चरित्र का निर्माण होता है और गंगा के पावन तट पर श्रीमद्भागवत कथा के श्रवण काक अवसर सौभाग्यशाली व्यक्ति को प्राप्त होता है। कथा व्यास महंत अंकित दास महाराज ने कहा कि भगवान श्रीकृष्ण की पवित्र वाणी ही श्रीमद्भागवत है। जो व्यक्ति के मोक्ष का मार्ग प्रशस्त करती है। उत्तराखंड की पावन धरा हरिद्वार पर संतों के सानिध्य में कथा का श्रवण करने से जन्म जन्मांतर के पुण्य का उदय होता है। वास्तव में श्रीमद् भागवत कथा देवताओं को भी दुर्लभ है। जहां अन्य युगो में मोक्ष प्राप्ति के लिए कड़े प्रयत्न करने पड़ते थे। कलयुग में श्रीमद्भागवत ही मोक्षदायिनी है। जो व्यक्ति का जीवन भवसागर से पार लगाती है। इस अवसर पर कथा में पधारे सभी संत महापुरुषों का समाजसेवी पवन शर्मा ने फूल माला पहनाकर स्वागत किया। इस दौरान महंत रामदास, महंत गोविंददास, महंत रघुवीर दास, महंत बिहारी शरण, महंत निर्मल दास, महंत लंकेश दास, समाजसेवी जयभगवान, श्यामलाल, हरिराम, शिवदत्त, पालोराम, भाजपा नेता ओंकार जैन सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु भक्त उपस्थित रहे।