सिद्घू को हराने के लिए सक्रिय रहे कांग्रेस के कुछ मंत्री व सांसद
चंडीगढ़, एजेंसी। पंजाब विधानसभा चुनाव 2022 के लिए मतदान के बाद भी पंजाब कांग्रेस मेंं विवाद और खींचतान समाप्घ्त नहीं हो रहा है। अब पंजाब कांग्रेस अध्घ्यक्ष नवजोत सिंह सिद्घू के मीडिया सलाहकार सुरेंदर ढल्घ्ला ने आरोप लगाया है कि राज्घ्य के मंत्री और कांग्रेस के सांसदों ने सिद्घू को विधानसभा चुनाव में हराने के लिए काम किया है। सिद्घू के मीडिया सलाहकार ने कांग्रेस हाईकमान को ही कटघरे में खड़ा कर दिया है। उनका कहना है कि सबसे ज्यादा अनुशासनहीनता कांग्रेस में है। कांग्रेस हाईकमान भी अनुशासनहीनता को कंट्रोल नहीं कर पाती है। बता दें कि एक दिन पहले मंगलवार को अमृतसर से कांग्रेस सांसद गुरजीत सिंह औजला ने नवजोत सिद्घू पर निशाना साधा था और अमृतसर पूर्वी सीट से उनकी जीत पर संशय जताया था। दूसरी ओर, खडूर साहिब के कांग्रेस सांसद जसबीर डिंपा चुनाव परिणाम आने के बाद किसी बड़े धमाके के संकेत दे रहे हैं।
औजला ने पार्टी के प्रदेश प्रधान नवजोत सिंह सिद्घू की बोलने के तरीके व विधान सभा क्षेत्र में सक्रिय नहीं रहने के आरोप लगाए हैंं। औजला ने कहा था कि लोग नवजोत सिंह सिद्घू और उनकी भाषा से नाराज हैं और अमृतसर पूर्वी विधानसभा सीट से उनकी जीत होने में संशय है। बता देंं कि अमृतसर पूर्वी सीट से नवजोत सिद्घू की टक्घ्कर शिरोमणि अकाली दल के वरिष्घ्ठ नेता बिक्रम सिंह मजीठिया से है।
इसके बाद बुधवार को नवजोत सिद्घू के मीडिया सलाहकार सुरेंदर ढल्घ्ला ने आरोप लगाया कि सिद्घू को हराने के लिए कांग्रेस के कई मंत्रियों व सांसदों ने काम किया और साजिश रची। इस बयान से पार्टी में नया विवाद पैदा हो गया है। दरअसल इस बार अमृतसर पूर्वी से नवजोत सिंह सिद्घू और बिक्रम सिंह मजीठिया के बीच कड़ी टक्घ्कर है।
सुरेंदर ढल्ला ने कहा है कि कांग्रेस पार्टी में सबसे ज्यादा अनुशासनहीनता है, लेकिन हाईकमान का रवैया हैरान करने वाला है। उन्घ्होंने ने कहा, कैप्टन अमरिंदर सिंह की परनीत कौर कांग्रेस सांसद होने के बावजूद पार्टी के खिलाफ प्रचार करती रहीं, मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई निर्दलीय खड़े हैं। सांसद जसबीर सिंह डिंपा पार्टी के प्रदेश प्रभारी के खिलाफ लगातार बोल रहे हैं। उनका भाई शिअद में शामिल हो गया है, लेकिन पार्टी ने किसी पर कार्रवाई नहीं की।
उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस के कई विधायक व मंत्री नवजोत सिद्घू को हराने में जुटे में हैं। समय आने पर इनके नाम सामने लाए जाएंगे। उन्होंने यह बात सांसद गुरजीत औजला की उस टिप्पणी पर कही, जिसमें औजला ने कहा था कि लोगों के प्रति सिद्घू का व्यवहार ठीक नहीं है। ढल्ला ने कहा कि औजला भी सिद्घू के लिए प्रचार करने नहीं गए।
इंटरनेट मीडिया पर ढल्ला ने कहा कि गुरजीत औजला को न तो यह दिखाई दिया कि डिंपा अपने बेटे को टिकट दिलवाना चाहते थे और बाद में उनके भाई ने आजाद उम्घ्मीदवार के रूप में नामांकन भर दिया। नामांकन पत्र रद होने के बाद डिंपा के भाई शिरोमणि अकाली दल में शामिल हो गए और उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस में टिकटें बिकी है।
उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी के भाई मनोहर बस्सी पठाना से आजाद चुनाव लड़े। राणा गुरजीत सिंह कांग्रेस के मंत्री है लेकिन उनका बेटा सुल्तानपुर लोधी से आजाद चुनाव लड़ रहा है। औजला ने केवल ढिल्लों, अमरीक सिंह ढिल्लों जैसे नेताओं पर उन्होंने कुछ नहीं कहा। पटियाला की सांसद परनीत कौर खुल कर पंजाब लोक कांग्रेस के प्रमुख कैप्टन अमरिंदर सिंह के साथ चलीं। वह पंजाब लोक कांग्रेस व भाजपा के लिए वोट मांगती रहीं। हाईकमान को यह सब नहीं दिखा। हाईकमान ने मतदान से एक दो दिन पहले केवल ढिल्लों, अमरीक सिंह ढिल्लों, सतकार कौर जैसे नेताओं को पार्टी से निकाल दिया।
सिद्घू के सलाहकार ने यह भी आरोप लगाया कि सिद्घू को हराने के लिए कांग्रेस के कई मंत्री व नेताओं ने गुप्त चालें चली। उन्होंने कहा कि समय आने पर वह इसका खुलासा करेंगे। सिद्घू को ईमानदार नेता बताते हुए ढल्ला ने कहा कि कांग्रेस के कई नेताओं के कारोबार है। किसी का शराब का कारोबार है तो किसी का रेत का कारोबार है। कोई फाइनेंस कंपनी चला रहा है तो कोई होटल चला रहा है। ऐसे में वे डरते हैं, क्योंकि सिद्घू अवैध कारोबार, रेत माफिया व केबल माफिया के खिलाफ है। उन्होंने कहा कि गुरजीत औजला को डर लग रहा है कि अगर नवजोत कौर सिद्घू 2024 में चुनाव न लड़ लें। इसी डर की वजह से उन्होंने सिद्घू के खिलाफ बोला है।

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