नई दिल्ली, एजेंसी। पूर्वी लद्दाख में एलएसी पर चीन की हरकतों पर निगाह रखने के साथ ही गलवन घाटी की सुरक्षा को लेकर भारतीय सेना अति सतर्क है। सेना की सतर्कता और सुरक्षा चौकसी की यह सर्वोच्च प्राथमिकता ही है कि सेना की उत्तरी कमान के नए प्रमुख लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने खुद गलवन घाटी का दौरा कर सुरक्षा स्थिति का जायजा लिया। नए साल के मौके पर गलवन घाटी के कथित वीडियो के जरिए दुष्प्रचार की चीनी हरकत के बाद भारत वहां की जमीनी स्थिति को लेकर बेहद सतर्क है सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख का गलवन में ग्राउंड जीरो का दौरा साफ तौर पर चीन को भी संदेश है।
गलवन घाटी में उत्तरी कमान के प्रमुख के सोमवार को हुए दौरे की जानकारी खुद सेना ने टवीट के जरिए देते हुए कहा कि लेफ्टिनेंट जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने एलएसी के अग्रिम मोर्चों समेत ग्राउंड जीरो का दौरा कर सुरक्षा स्थिति की समीक्षा की। साथ ही सभी अधिकारियों और जवानों के पेशेवर अंदाज की तारीफ करते हुए एलएसी पर बदलती सुरक्षा चुनौतियों के अनुरूप जवाबी रिस्पांस को लेकर उनसे चर्चा की।
गलवन में ग्राउंड जीरो वह जगह है जहां जून 2020 में चीनी सैनिकों के अतिक्रमण को भारतीय सैनिकों ने ध्वस्त कर दिया था। इसको लेकर ही भारत और चीन के सैनिकों के बीच खूनी संघर्ष हुआ था जिसमें 20 भारतीय सैनिक शहीद हुए थे। काफी संख्या में चीनी सैनिक भी इसमें मारे गए मगर चीन आधिकारिक तौर पर अपने सैनिकों की मौत का आंकड़ा छिपाता रहा है।
इस घटना के बाद से ही बीते करीब दो साल से एलएसी पर भारत ओर चीन के बीच सैन्य गतिरोध बना हुआ है और अभी इस साल पहली जनवरी को चीनी सेना ने अपने सैनिकों का एक विवादित वीडियो डाल दिया जिसमें वे गलवन घाटी में चीनी संप्रभुता का दावा कर रहे हैं।
चीन की इस हरकत के मद्देनजर भारतीय सेना ने भी गलवन घाटी में अपनी राइफलों के साथ तिरंगा लहराते भारतीय सैनिकों की तस्वीरें जारी कर चीनी प्रोपगेंडा का करारा जवाब दिया था। इस लिहाज से सेना के उत्तरी कमान के प्रमुख का ग्राउंड जीरो का दौरा चीन को साफ संदेश है कि एलएसी और गलवन घाटी में भारतीय सैनिक अतिक्रमण की किसी भी हरकत का मुकाबला करने के लिए हर पल तैयार हैं।