वाशिंगटन, एजेंसी। अमेरिका ने उम्मीद जताई कि रूस यदि यूक्रेन पर हमला करता है, तो नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था के लिए प्रतिबद्घ भारत उसका साथ देगा। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता नेड प्राइस ने बुधवार को बताया कि क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों के बीच हाल में मेलबर्न में हुई बैठक में रूस व यूक्रेन के मुद्दे पर चर्चा हुई। क्वाड सदस्यों में भारत, आस्ट्रेलिया, जापान व अमेरिका शामिल हैं।
प्रवक्ता नेड प्राइस ने कहा कि बैठक में इस बात पर सहमति बनी कि इस मामले के राजनयिक व शांतिपूर्ण समाधान की जरूरत है। एक प्रश्न के उत्तर में प्राइस ने कहा, श्क्वाड नियम आधारित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बनाए रखने का पक्षधर है। यूरोप व अन्य क्षेत्रों की तरह नियम आधारित व्यवस्था हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी समान रूप से लागू होती है। अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था में कई नियम हैं। इनमें से एक यह भी है कि बल के जरिये सीमाओं का पुनर्निर्धारण नहीं हो सकता।
भारत सहित अन्य पड़ोसियों के खिलाफ चीन के आक्रामक रुख का जिक्र करते हुए प्राइस ने कहा, बड़े देश, छोटे देशों को परेशान नहीं कर सकते। किसी देश के लोग अपनी विदेश नीति, अपने साझेदार व गठबंधन सहयोगी आदि चुनने के हकदार हैं। ये सिद्घांत यूरोप की तरह हिंद-प्रशांत क्षेत्र में भी लागू होते हैं। क्षेत्र में चीन की सैन्य पैंतरेबाजी के मद्देनजर भारत, अमेरिका व दुनिया की अन्य शक्तियां हिंद-प्रशांत क्षेत्र को मुक्त, खुला और संपन्न देखना चाहती हैं। चीन संपूर्ण दक्षिण चीन सागर पर दावा करता है, जबकि ताइवान, फिलीपींस, ब्रुनेई, मलेशिया व वियतनाम भी उसके हिस्सों पर दावेदारी करते हैं।
प्राइस ने कहा कि अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन व भारतीय विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने रक्षा से जुड़े मुद्दों पर चर्चा की, लेकिन उन्होंने इस बात पर कुछ भी बोलने से परहेज किया कि काउंटरिंग अमेरिकाज एडवर्सरीज थ्रू सैंक्शंस (काटसा) को लेकर कोई चर्चा हुई या नहीं। अमेरिकी संसद ने इस कानून को वर्ष 2017 में प्रभावी किया था, ताकि रूस के साथ रक्षा व खुफिया क्षेत्र में समझौता करने वाले देशों पर कार्रवाई की जा सके। प्राइस ने कहा, श्उनके बीच संबंधों के कई पहलुओं पर व्यापक चर्चा हुई, लेकिन मैं इससे आगे नहीं बताना चाहूंगा।

 

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