भीमताल । उत्तराखंड के कुमाऊं में पिछले दो हफ्तों से सभी दलों के स्टार प्रचारकों का तांता लगा है। बर्फबारी के बीच इस दौरान सियासी पारा चढ़ा हुआ है। वातावरण में ठंडक तो है पर धुंआधार चुनावी प्रचार की गर्मी भी है। गुरुवार को कुमाऊं दौरे पर भाजपा की फायरब्रांड नेता स्मृति ईरान रहीं। उन्होंने पिथौरागढ़ व भीमताल में कांग्रेस पर जमकर हमला बोला। भीमताल में उन्होंने कांग्रेस पर केदारनाथ धाम के विकास में बाधा पहुंचाने का आरोप लगाया।
ईरानी ने भीमताल विधान सभा 57 में भाजपा प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा के समर्थन में धारी के पोखराड़ खेत पहाड़पानी मैदान में आयोजित चुनावी सभा को संबोधित किया। कहा कि राम का नाम लेकर राम के लिए वोट मांग रहे हैं, यह अच्छा संयोग है। कहा कि राम के लिए वोट मांगने के लिए स्वयं गोविंद (पूर्व मंत्री गोविंद बिष्ट) आए हैं। भाजपा सरकार ने केदारनाथ में आपदा के बाद जो वहां कार्य किए उसकी पूरी दुनिया ने तारीफ की। जब कि आपदा के दौरान कांग्रेस सरकार ने नरेन्द्र मोदी जो उस समय गुजरात के मुख्यमंत्री थे उनसे किसी भी प्रकार की मदद लेने से मना कर दिया था और ना ही स्वयं कार्य किए। बाद में नरेन्द्र मोदी सरकार ने ही करोड़ों की लागत के कार्य करा कर केदारनाथ मंदिर में कार्य करवाया। अपने बीस मिनट के भाषण में स्मृति ईरानी ने जहां भाजपा को विकास और सर्व धर्म की पार्टी बताया वहीं बताया कि कांग्रेस एक विशेष वर्ग के लिए विश्वविद्यालय बनाने की बात करती है जब कि भाजपा सरकार ने पांच पांच सभी लोंगों के लिए विश्वविद्यालयों का निर्माण किया।
इस दौरान केन्द्रीय मंत्री ने भाजपा के द्वारा कोविड काल के दौरान किए गये कार्य, पूरे देश में कराए जा रहे कार्य,कोविड के दौरान जनता को वितरित किये गये निशुल्क राशन,और एक रिकार्ड समय में देश की पूरी जनता को कराए गये वैक्सीनेशन की बात कही। वहीं अंत भाषण का करते हुए कहा कि घर में लक्ष्मी झाडू लगाते हुए नहीं आती है जब कि लक्ष्मी कमल में बैठकर आती है। इसलिए सब मतदाताओं को अपने विकास के लिए अपनी समृद्घि को बढ़ाने के लिए कमल यानि भाजपा के पक्ष में मतदान करना चाहिए।
चुनावी सभा का संचालन दुग्ध संघ अध्यक्ष मुकेश बोरा और सुमित नद्गली ने किया। इस दौरान भाजपा प्रत्याशी राम सिंह कैड़ा, पूर्व कबीना मंत्री गोविंद बिष्ट, ब्लाक प्रमुख कमलेश कैड़ा, मुकेश बोरा, ब्लाक प्रमुख धारी आशा रानी, दीपक दानी, प्रदीप पाठक, नितिन राणा, शिवदत्त सुयाल, देवेन्द्र ढैला,दीपू असगोला आदि मौजूद थे।

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