कोटद्वार में वो करना चाहती हूँ जो आज तक के विधायक नहीं कर पाए: भाजपा प्रत्याशी ऋतु खंडूड़ी
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प्रश्न- आप चुनाव क्यों लड़ रही हैं, कोई खास उद्देश्य। भाजपा में अन्य चेहरे भी हैं, जिन्हें चुनाव लड़ाया जा सकता था तो संगठन ने आप पर ही क्यों विश्वास जताया।
उत्तर- मैं संगठन के साथ लंबे समय से जुड़ी हूं। भाजपा की एक सिपाही हूं। मेरा उद्देश्य कोटद्वार को विकास की दौड़ में सबसे आगे करना है। जो आज तक के विधायक नहीं कर पाए। रही बात कोटद्वार विधानसभा से मेरे चुनाव लड़ने की तो संगठन का आदेश था, जिसे मैने माना है। संगठन के फैसले पर सवाल उठाना मेरे संस्कार में नहीं है।
प्रश्न- आपका ससुराल कहां है और परिवार के साथ राजनीति को समय देना आपके लिए कितना चुनौतीपूर्ण रहता है।
उत्तर- मेरा ससुराल खाल गांव, पोखरी जिला चमोली में है। मेरी सास व मेरे पति हमेशा ही मुझे आगे बढ़ने के लिए प्रोत्साहित करते रहे हैं और आज भी करते हैं। जब मैं पढ़ाती थी तो तब भी उन्होंने मेरा साथ दिया और आज भी वह पूरी तरह से मुझे सपोर्ट करते हैं।
प्रश्न- आप यमकेश्वर में विधायक रह चुकी हैं और भाजपा लगातार विकास कार्यों की बात करती है तो आपको एक बार फिर उन्हीं विकास कार्यों के दम पर यमकेश्वर से प्रत्याशी क्यों नहीं बनाया गया।
उत्तर- इस पर मुझे कुछ भी नहीं कहना है। मुझे नहीं पता कि संगठन ने मुझे यमकेश्वर से टिकट क्यों नहीं दिया और कोटद्वार में क्यों उतारा गया। शायद संगठन को मेरी कार्यशैली की कोटद्वार में आवश्यकता है। इसीलिए भाजपा संगठन ने यह फैसला लिया।
प्रश्न- भारतीय जतना पार्टी की ओर से आपको कोटद्वार विधानसभा सीट से चुनावी मैदान में उतारा गया है, क्या आपकी इसके लिए सहमति ली गई थी।
उत्तर- हम तो सिपाही हैं, हमसे कोई सहमति या अनुमति नहीं ली जाती। हमें आदेश दिया जाता है, जिसका हम पालन करते हैं।
प्रश्न- आपके पिता पूर्व मुख्यमंत्री भुवन चंद्र खंडूड़ी भाजपा के राष्ट्रीय स्तर के नेताओं में शामिल हैं। इसके बावजूद वह कोटद्वार से चुनाव हार चुके हैं तो आपने यहां के लिए क्या चुनावी रणनीति बनाई है, जिसके दम पर आप अपनी जीत को पक्का मान रही हैं।
उत्तर- मैं भी अपने पिता की ही तरह ईमानदारी और विकास की सोच के साथ चुनावी मैदान में उतरी हूं। हार-जीत तो लगी रहती है। तब हार गए थे, लेकिन अब जनता का पूरा साथ मिल रहा है और जनता विकास चाहती है इसलिए जीत पक्की है।
प्रश्न- भाजपा के पूर्व जिलाध्यक्ष और कोटद्वार विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी धीरेंद्र चौहान आपके पिता भुवन चंद्र खंडूड़ी जी को अपना राजनीतिक गुरु मानते हैं। वे भी चुनावी मैदान में आपके प्रतिद्वंद्वी के रूप में खड़े हैं। आपके अनुसार पुत्री और शिष्य की इस चुनावी जंग में कौन जनरल खंडूड़ी जी की विरासत का वारिश बनेगा।
उत्तर- धीरेंद्र चौहान जी चुनाव लड़ रहे हैं, मेरी शुभकामनाएं उनके साथ हैं। इसके अलावा इस संबंध में मैं कुछ नहीं कह सकती हूं।
प्रश्न- आप इस चुनावी समर में किसे अपना सबसे निकटतम प्रतिद्वंद्वी मानती हैं।
उत्तर- मैं इस संबंध में सोचती ही नहीं हूं कि मेरा प्रतिद्वंद्वी कौन है। मेरा उद्देश्य कोटद्वार में कमल खिलाना है और मैं सिर्फ इसी सोच के साथ कार्य कर रही हूं जिसमें सफल भी होती दिख रही हूं।
प्रश्न- आप कांग्रेस प्रत्याशी सुरेंद्र सिंह नेगी के राजनीतिक जीवन को किस तरह देखती हैं।
उत्तर- पुराने व्यक्ति हैं। राजनीति में लंबे समय से जुड़े हैं और उत्तराखंड के सम्मानित व्यक्ति हैं। इसलिए उनका सम्मान करती हूं। मेरी उन्हें भी शुभकामनाएं हैं।
प्रश्न- ऋतु भूषण खंडूड़ी को ऐसा क्यों लगता है कि जनता को उन्हें ही विधायक चुनना चाहिए, जो काम कांग्रेस या अन्य प्रतिद्वंद्वी नहीं कर सकते उसे ऋतु भूषण खंडूड़ी ही पूरा कर सकती हैं।
उत्तर- मैरी एक अलग कार्यशैली है, मुझमे क्षमता है और मैं ईमानदार हूं। इसके अलावा विकास के प्रति मैं पूरी तरह से प्रतिबद्ध हूं। मेरी सोच ही विकास की है, इसलिए कोटद्वार की जनता इस सोच से जुड़ रही है। समय भी आ गया है कि हम कोटद्वार के विकास के लिए इस बार वोट करें।
प्रश्न- यदि आप विधायक चुनकर आती हैं तो कोटद्वार के विकास के लिए ऐसे कौन से कार्य हैं, जिन्हें आप प्राथमिकता के आधार पर करना चाहेंगी।
उत्तर- सबसे पहले हम कोटद्वार को जिला बनाएंगे, इसके बाद इसे स्मार्ट सिटी बनाने के लिए कार्य किया जाएगा। कूड़ा निस्तारण की समस्या जो विकराल रूप ले चुकी है, इसे समाप्त किया जाएगा। इसके साथ ही शिक्षा को बेहतर करने के लिए भी कार्य किया जाएगा। जिसके तहत कोटद्वार में केंद्रीय विद्यालय खोला जाएगा। कोटद्वार कण्वनगरी है, इसके बावजूद आज तक इसे वो पहचान नहीं मिल सकी है जो मिलनी चाहिए। मेरी प्राथमिकता कोटद्वार को पर्यटन के क्षेत्र में विश्व पटल पर पहचान दिलाना होगी।