पिथौरागढ़ । उत्तराखंड में पहाड़ की विषम भौगोलिक स्थित से आम जनजीवन से लेकर अन्य कामों में बहुत कठिनाई होती है। इस समय दुर्गम में चुनाव प्रचार से लेकर वोटिंग तक में लोगों को खासी मशक्कत करनी पड़ रही है। ऊपर से खराब मौसम अलग से परीक्षा ले रहा है।
सीमांत जिले पिथौरागढ़ में नामिक सबसे ऊंचाई वाला मतदान केंद्र होगा। कनार मतदान केंद्र तक पहुंचने के लिए पोलिंग पार्टियों को सबसे अधिक पैदल दूरी तय करनी पड़ेगी। दूरस्थ मतदान केंद्रों के लिए मतदान से तीन रोज पूर्व से पोलिंग पार्टियोें की रवानगी शुरू हो जाएगी।
पिथौरागढ़ जिले की चार विधानसभा पिथौरागढ़, धारचूला, गंगोलीहाट और डीडीहाट में कुल 600 मतदेय स्थल बनाए गए हैं। सबसे कम 141 मतदेय स्थल डीडीहाट में और सबसे अधिक 157 मतदेय स्थल धारचूला में हैं। गंगोलीहाट और पिथौरागढ़ में 151-151 मतदेय स्थल हैं। मुनस्यारी विधानसभा का नामिक मतदेय स्थल जिले का सबसे ऊंचाई वाला मतदेय स्थल होगा। सात हजार फिट की ऊंचाई पर स्थित इस मतदेय स्थल तक पहुंचने के लिए करीब 14 किमी़पैदल चलना होगा। धारचूला विधानसभा के अंतर्गत कनार सर्वाधिक पैदल दूरी वाला मतदान केंद्र है। जहां पहुंचने के लिए मतदान पार्टियों को 16 किमी़पैदल चलना होगा। इसी विधानसभा में बौना और सिर्खा सबसे अधिक ऊंचाई वाले मतदान स्थल हैंं। पिथौरागढ़ विधानसभा में बड़ाबे और डीडीहाट विधानसभा में सानदेव सर्वाधिक ऊंचाई वाले स्थल होंगे।
पिथौरागढ़ : जिले के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान में शानदार रूझान दिखाया है। जिले में पोस्टल वैलेट के लिए पंजीत बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं में से 94़72 फीसद ने अपने मत का उपयोग किया है। चुनाव आयोग ने विधानसभा चुनावों के लिए इस बार 80 वर्ष से अधिक उम्र के बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं को घर पर ही पोस्टल वैलेट के जरिए मतदान की सुविधा दी थी। जिले की चारों विधानसभाओं में 740 बुजुर्ग और 151 दिव्यांग मतदाताओं ने मतदान के लिए आवेदन किया था। पोलिंग पार्टियों ने दो दिनों त दिन तक घर-घर जाकर पोस्टल वैलेट डलवाए गए। जिले की चार विधानसभा सीटों में 891 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं में से 844 ने मतदान किया। 15 मतदाताओं की मृत्यु हो चुकी थी। पांच मतदाताओं ने वोट देने से इंकार किया। 27 वोटर घर पर नहीं मिले। धारचूला विधानसभा में 150, डीडीहाट में 129, पिथौरागढ़ में 351,गंगोलीहाट में 214 बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओें ने वोटिंग की।