जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार। विश्वम्भर दयाल मुनि विश्वकर्मा ट्रस्ट की ओर से ट्रस्ट के संस्थापक विश्वम्भर दयाल मुनि विश्वकर्मा की पुण्य तिथि पर उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की गई। इस दौरान ट्रस्ट के सदस्यों ने समाज हित में मुनि विश्वकर्मा के बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया।
सोमवार को पदमपुर खुखरो में स्थित ट्रस्ट के कार्यालय में श्रद्धांजलि कार्यक्रम का आयोजन किया गया। ट्रस्ट के सचिव सुरेंद्र लाल आर्य ने कहा कि विश्वकर्मा सच्चे अर्थों में आर्य थे। वर्ष 1955 में शिक्षा विभाग में सुपरवाइजर पद से सेवानिवृत्त होने के बाद उन्होंने पूर्ण रूप से अपना जीवन आर्य समाज को समर्पित कर दिया था। उन्होंने सामाजिक व धार्मिक कुरीतियों, शराब,पशुबलि, सामाजिक असमानता व अंधकारवाद आदि को मिटाने की मुहिम शुरू की थी व महान समाज सुधारक स्वामी दयानंद सरस्वती के विचारों के प्रवाह में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। ट्रस्ट की अध्यक्षा लक्ष्मी देवी ने कहा कि मुनि विश्वकर्मा ने जीवन के अंतिम पड़ाव में (95 वर्ष की आयु में )अपनी निजि पूंजी से निर्धन मेधावी छात्र, छात्राओं को छात्रवृत्ति व अनाथ, विकलांग व बेसहारा लोगों को आर्थिक सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से विश्वम्भर दयाल मुनि विश्वकर्मा ट्रस्ट की स्थापना की। श्रद्धांजलि सभा में सतीश कुमार, शूरबीर खेतवाल, संदीप आर्य,सरोज देवी आदि मौजूद रहे।