-नेशनल हाईवे की बदहाल हालत से जिम्मेदार विभाग पर उठ रहे सवाल
-मार्ग पर मलबे व दलदल के कारण लगातार लग रहा वाहनों का जाम
-पर्यटकों समेत आम जनता को उठानी पड़ रही है परेशानी
जयन्त प्रतिनिधि।
कोटद्वार : नजीबाबाद-बुआखाल राष्ट्रीय राजमार्ग पर कोटद्वार-दुगड्डा के बीच बनी बदहाल हालत नेशनल हाईवे डिपार्टमेंट समेत पूरे सिस्टम पर सवाल उठा रही है। विधानसभा चुनाव के बीच लगातार बंद हो रहे उक्त मार्ग ने आमजन के साथ ही चुनाव ड्यूटी में तैनात अधिकारियों की भी परेशानी बढ़ा दी है। इसके अलावा पर्यटकों को भी मार्ग के कारण काफी फजीहत झेलनी पड़ रही है।
पिछले कई महीनों से कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर मलबे व दलदल के कारण आम जनता को मुसीबत झेलनी पड़ रही है। पांचवी मील के पास भूस्खलन से कुछ समय पहले मार्ग पूरी तरह से बंद हो गया था। तब विभागीय अधिकारियों ने पहाड़ी काटकर वैकल्पिक तौर पर वाहनों की आवाजाही के लिए व्यवस्था की थी। कुछ दिन यह व्यवस्था चली तो फिर पहाड़ी से मलबा आ गया, जिससे एक बार फिर मार्ग बंद हो गया। किसी तरह इस बार भी मलबे को हटाया गया और यातायात सुचारू किया गया, लेकिन इसके बाद भी मुसीबतें कम नहीं हुईं और लगातार मार्ग पर मलबा आता रहा। कुछ दिन उक्त मार्ग पर यातायात सामान्य हुआ, लेकिन फिर पांचवी मील के पास ही कुछ दूरी पर एक नया डेंजर जोन पनप गया। यहां पर भी मलबा आने के कारण बार-बार यातायात बाधित होता रहता है। पिछले कई महीनों से आमजन कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर परेशानी झेल रहे हैं, लेकिन अभी तक जिम्मेदार इस ओर कोई ठोस कार्रवाई नहीं कर सके हैं। जिससे आने वाले दिनों में भी आमजन को राहत मिलती हुई नहीं दिखाई दे रही है।
रात डेढ़ बजे तक लगा रहा वाहनों का जाम
शनिवार को कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पर दलदल में ट्रक फंसने के कारण वाहनों का लंबा जाम लग गया था। यह जाम इतना भीषण था कि रात को करीब डेढ़ बजे तक पुलिस कर्मी जाम खुलवाते रहे। दुगड्डा पुलिस चौकी इंचार्ज दीपक पंवार ने बताया कि मार्ग पर कीचड़ होने के कारण वाहन रपट रहे हैं। जिससे लगातार वाहनों का जाम लग रहा है। शनिवार को भी पुलिस कर्मी आधी रात के बाद तक जाम खुलवाते रहे। हालांकि रविवार को मार्ग पर जाम से राहत रही।
कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पहाड़ी क्षेत्रों का प्रमुख मार्ग होने के बावजूद ऐसी अनदेखी
कोटद्वार-दुगड्डा मार्ग पहाड़ी क्षेत्रों का प्रमुख मार्ग है। इस मार्ग के जरिये ही पहाड़ी क्षेत्रों में कोटद्वार समेत मैदानी क्षेत्रों से रोजमर्रा की वस्तुओं को ले जाया जाता है। यदि यह मार्ग पूरी तरह से बंद हो जाए तो व्यापारियों समेत आम जनता को कई परेशानियों का सामना करना पड़ता है। इसके अलावा कोई गंभीर बीमार पड़ जाए तो उसे बेस अस्पताल कोटद्वार व अन्य बड़े अस्पतालों में ले जाने के लिए भी इसी मार्ग का इस्तेमाल किया जाता है। इसके बावजूद जिम्मेदार इस मार्ग की अनदेखी कर रहे हैं।