नई दिल्ली, एजेंसी। सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को पारसी समुदाय को परंपरागत तरीके से अंतिम संस्कार की इजाजत दे दी है। इसके लिए कोर्ट ने कोरोनावायरस की मौजूदा गाइडलाइंस में परिवर्तन की मंजूरी भी दे दी है। हालांकिए प्रोटोकल में यह बदलाव सिर्फ इस एक धर्म के लिए ही मंजूर होगा। यानी बाकी धर्मों को अब भी कोरोना प्रोटोकल के तहत अंतिम संस्कार कराना होगा।
जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस सूर्यकांत की बेंच ने गुजरात हाईकोर्ट के उस फैसले को पलट दिया हैए जिसमें समुदाय को बाकी धर्मों से अलग अंतिम संस्कार की टूट देने से इनकार कर दिया गया था। बताया गया है कि इस मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की तरफ से पेश हुए वकील फाली नरीमन ने ने कोर्ट को बताया कि उन्होंने सरकार के वकील सलिसिटर जनरल तुषार मेहता से बात कर ली है कि मृतकों के शव को श्टावर अफ साइलेंसश् यमुर्दाघरद्घ में कैसे रखा जाएगा। दोनों ने इसे लेकर सहमति भी जता दी है।
सलिसिटर जनरल ने बेंच से कहा कि अंतिम संस्कार के लिए ऐसे तरीके इस्तेमाल किए जाएंगेए जिससे मृतक के शव से कोरोना न फैले। उन्होंने बताया कि शव के ऊपर एक लोहे की ग्रिल लगाई जाएगीए ताकि कोई पक्षी शव को न खा सके और यह सिर्फ सूर्य की तेज किरणों से ही नष्ट हो जाएए क्योंकि पारसी धर्म में शवों का सूर्य की तेज किरणों में खत्म होना ही अंतिम संस्कार की सही विधि माना जाता है।